Wrelter Yogeshwar Dutt

आप महान चैंपियन हैं, कुश्ती ही आपको राजनीति का फीतले लगाना सिखाएगी!

क्लीन बोल्ड/ राजेन्द्र सजवान

प्रिय योगेश्वर,

आप देश के सबसे चहेते पहलवान और नेक इंसान हैं। एक पहलवान के रूप में आपने लंदन ओलंपिक में जैसा प्रदर्शन किया था, उसे याद कर लाखों करोड़ों खेल प्रेमी आप के भक्त बन गए। देश का हर युवक आप जैसा बनना चाहता हैं। हरएक पहलवान अखाड़े में उतरने से पहले आपकी फोटो को प्रणाम करता है।

जब कभी भारत के महानतम पहलवानों की बात चलती है तो सर्वाधिक चर्चा सुशील कुमार और आपको लेकर होती है। भले ही आप ओलंपिक कांस्य ही जीत पाए लेकिन आपने जिस जीदारी और दमखम के साथ प्रतिद्वंद्वियों का सामना और सफाया किया, उसे देख कर न सिर्फ भारतीय अपितु कुश्ती जगत के धुरंधर भी वह वाह कर बैठे थे। आपने यूं तो कामनवेल्थ खेलों और एशियाड में स्वर्णिम प्रदर्शन किया, विश्वस्तर पर भी अनेक चैंपियनों को धूल चटाई पर ओलंपिक पदक की राह अभूतपूर्व थी।

यही मौका था जब भारतवासियों ने योगेश्वर दत्त का विराट रूप देखा था। आम भारतीय ने आपकी आंख के घाव को देखा, खून से लतपथ घायल शेर को चिंघाड़ते हुए देखा। प्रतिद्वंद्वी को जब आपने अपने फीतले दांव में फंसाया और उसे अजगर की तरह लपेट कर तिरंगा फहराया तो पूरा देश योगी योगी से गूंज उठा था।

योगेश्वर, आप कुश्ती से पैदा हुए और शायद अखाड़ा ही आपकी असल कर्मशाला साबित होगा। आप क्लीन बोल्ड का इशारा समझ रहे होंगे। दो चुनावों में आपकी पराजय से हैरान नहीं हूं। सर्वे से पता चला है कि आप बेहद फँसी हुई सीट पर लड़े। सवाल यह पैदा होता है कि आप को दलगत राजनीति में पड़ने की जरूरत क्यों है?

हालांकि कई भारतीय खिलाड़ी राजनीति के मैदान में भी सफल रहे हैं। शायद परिस्थितियां उनके अनुरूप थीं। आपके साथ ऐसा नहीं है या यह भी हो सकता है कि आपका भाग्य राठौर और संदीप सिंह जैसा नहीं है। हो सकता है कि विधाता ने आपके लिए कुछ और निर्धारित किया है।

कुश्ती और अन्य खेलों से जुड़े अधिकांश खिलाड़ी, कोच और अधिकारी आपको भारतीय खेलों की नैया के खेवैया के रूप में देखना चाहते हैं। आप ठीक समझें तो हरियाणा सरकार से प्रदेश के खेलों को बढ़ावा देने का जिम्मा ले सकते हैं। सरकार चाहे तो आपको मंत्री स्तर का पद दे कर खेलों को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सौंप सकती है। आप किसी भी दल से जुड़ें या लड़ें, कुश्ती ही आपकी प्राथमिकता बनने वाली है और यही आपको समय आने पर राजनीति का चैंपियन भी बनाएगी।

सोनीपत स्थित आपका अखाड़ा ठीक ठाक चल रहा है। आप अपने अखाड़े को पर्याप्त समय दे पाए तो यह उपलब्धि आपके लिए सबसे बड़ी हो सकती है। इतनी बड़ी कि जिस तक कोई बड़े से बड़ा नेता पहुंच नहीं सकता। जब आप अपने जैसे चैंपियनों की फौज तैयार करेंगे तो आपको कोई नेता या पार्टी हरा नहीं सकते, क्योंकि तब तक आप राजनीति का फीतले लगाने की कला में महारथ हासिल कर चुके होंगे।

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