major dhyanchand

….क्या शिवाजी स्टेडियम पर फिर लौट पाएगी हॉकी की रौनक?

राजेंद्र सजवान जिस शिवाजी स्टेडियम में कभी हॉकी के मेले लगते थे, जिसे भारतीय हॉकी की शरणगाह कहा जाता था वह पिछले कई सालों से वीरान पड़ा है। जिस स्टेडियम में देश के तमाम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कभी न कभी हॉकी को गौरवान्वित करने और खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने आते थे, उसे जैसे भारतीय हॉकी …

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Years passed after seeing the Olympic medals of hockey, my eyes quivered

हॉकी का ओलंम्पिक पदक देखे सालों बीत गए, आंखें तरस गईं।

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान जब भी कोई भारतीय खिलाड़ी किसी भी खेल में ओलंम्पिक पदक जीत लाता है तो पूरा देश उस खिलाड़ी के सामने नतमष्तक हो जाता है। उसे हीरो और सुपर हीरो की तरह देखा जाता है। फिर चाहे मेजर ध्यान चंद और सरदार बलबीर सिंह की अगुवाई में जीते हॉकी स्वर्ण हों, …

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Milkha Singh also wanted Dhyan Chand to get Bharat Ratna award

मिल्खा भी चाहते थे ध्यानचंद को भारत रत्न सम्मान मिले!

(हेमंत चंद्र दुबे बबलू बैतूल) भारत के महान खिलाडी मिल्खा सिंह जिन्होंने भारतीय एथलेटिक का परचम 1960 के रोम ओलिम्पिक में फहराया उम्र भर सरकारों को जगाते रहे। लेकिन विडम्बना देखिये जिस शख्स को जीवन भर मान सम्मान दिया गया हो उसी इंसान की बातों पर सरकारो में बैठे नुमाइंदों ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं …

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Ashok Dhyanchand The only Indian player to earn name and honor

अशोक ध्यानचंद: महान पिता की तरह नाम सम्मान कमाने वाले अकेले भारतीय खिलाड़ी

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान (जन्मदिन पर विशेष) यह जरूरी नहीं कि यशस्वी और चैंपियन माता पिता के पुत्र-पुत्रियां भी उनकी तरह प्रतिभावान हों। यह भी देखा गया है कि बड़े नाम वाले पिता की संतानें अपने पिता की चमक दमक के नीचे दब कर रह जाते हैं । मसलन विजय अमृतराज, सुनील गावस्कर, मिल्खा सिंह …

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Dhyan Chand and Balbir are real Bharat Ratna

पुण्य तिथि पर विशेष: ध्यान चंद और बलबीर हैं असली भारत रत्न!

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान आज भारत के श्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी सरदार बलबीर सिंह सीनियर की पहली पुण्य तिथि है। फेस बुक पर उनकी बिटिया सुशबीर भोमिया ने अपने स्वर्गीय पिता को एक मार्मिक पत्र लिखा है और कहा है कि वह उन्हें बहुत मिस कर रही हैं। वह अपने पिता की उपलब्धियों और उनके साथ बिताए …

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When Dr. Ambedkar and Dadda Dhyanchand share a platform

When Dr Ambedkar and Dadda Dhyanchand share a platform

ओलंपियन और विश्व चैंपियन अशोक ध्यान चंद द्वारा: जब हम एक हॉकी मैच पूर्व की इस ऐतिहासिक तस्वीर को देखते हैं तो हमारा मस्तक गर्व से ऊंचा हो जाता है, जिसमें हम भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर और हॉकी के जादूगर दुनिया के महानतम हाकी खिलाड़ी तीन ओलिम्पिक खेलो के स्वर्ण पदक विजेता …

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Ashok Dhyanchan son of Major Dhyanchand

भीख में सम्मान बिल्कुल नहीं:–अशोक ध्यानचंद

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान पिछले कुछ सालों में जहां एक ओर भारतीय हॉकी का पतन हुआ है तो दूसरी तरफ कुछ खेलों में जीते ओलंपिक पदकों ने खिलाड़ियों के वारे न्यारे कर दिए। एक पदक ने उन्हें करोड़ों का मालिक बना दिया। कुछ खिलाड़ी तो ओलंपिक में चौथा स्थान पाने पर ही करोड़ों के हकदार …

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Major Dhayan Chand, Inam Ur Rehman My Ideal Player Ashok

इनाम उर रहमान मेरे आदर्श खिलाड़ी: अशोक

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद नहीं चाहते थे कि उनका कोई बेटा हॉकी खेले। हालांकि उनके दो अन्य भाई भी अच्छे खिलाड़ी रहे। यह खुलासा उनके ओलंपियन बेटे अशोक ध्यान चंद ने आज यहां प्रेस क्लब में किया। लेकिन इससे भी बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि इंडियन एयर लाइन्स और मोहन …

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भारतीय हॉकी: चाँद भी अब नजर नहींआता; और सितारे भी कम निकलते हैं!

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान मेजर ध्यानचंद और सरदार बलबीर सिंह यदि भारतीय हॉकी के चांद थे तो सितारा खिलाड़ियों की भी कमी नहीं थी। हॉकी को राष्ट्रीय खेल समझ उससे प्यार करने वाले भी कम नहीं थे। लेकिन हॉकी की कसमें खाने वाले और खिलाड़ियों की हर अदा पर जान न्योछावर करने वाले लगातार घट …

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Special on the death anniversary of Major Dhyanchand died 3 December 1979

गांधी-नेहरू सा सम्मान मिला विश्व रत्न मेजर ध्यानचंद की पुण्य तिथि पर विशेष(देहांत 3 दिसम्बर 1979)

क्लीन बोल्ड/राजेंद्र सजवान झांसी में जब मेजर ध्यानचंद का स्वास्थ अत्याधिक बिगड़ने लगा तो परिजनों और स्नेही जनों ने इस बात का निर्णय लिया कि उन्हें बेहतर उपचार के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जाय। मेजर ध्यानचंद को परिजनों द्वारा रेल के साधारण डिब्बे में झांसी से नई दिल्ली एम्स लाया गया जहां …

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