Indian Media

रणजी और संतोष ट्रॉफी को लेकर मीडिया क्यों अपनाता है दोहरा मापदंड ?

मीडिया कवरेज में क्रिकेट और फुटबॉल की राष्ट्रीय चैम्पियनिशप को लेकर भेदभाव साफ नजर आता है समाचार पत्र क्रिकेट की गली कूचे और गांव देहात की प्रतियोगिताओं के लिए भरपूर स्थान देते हैं लेकिन बाकी भारतीय खेलों को मीडिया मुंह नहीं लगाता चाहे प्रिंट हो, टीवी हो या फिर डिजिटल सारे मीडिया माध्यम सिर्फ फुटबॉल …

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गोरों ने शालीनता से तमाचा जड़कर किया घमंड का सिर नीचा

सबसे बड़े लोकतंत्र का चाटुकार मीडिया सबसे बड़ा खलनायक मीडिया जोश में आकर अपनी टीम और अपने पसंदीदा खिलाड़ियों के गुणगान को अपना परम कर्तव्य समझता है बड़-बोला मीडिया इंग्लैंड को कमजोर प्रतिद्वंद्वी मान कर अपने घटिया स्तर का क्रिकेट ज्ञान बांट रहा था क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान “जीतेगा भाई जीतेगा, इंडिया जीतेगा।”… “सूर्य की …

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Why is Ghosh's grandfather angry Only cricket journalism is left!

क्यों नाराज हैं घोष दादा? बस क्रिकेट पत्रकारिता बची है!

Clean bold/ राजेंद्र सजवान देश के 82 वर्षीय खेल पत्रकार श्याम सुंदर घोष मीडिया से नाराज हैं। महान फुटबाल ओलंपियन निखिल नंदी के देहावसान की खबर को नहीं छापने या सम्मान जनक स्थान नहीं दिए जाने पर उन्होंने फेसबुक में अपनी पोस्ट पर जो पीड़ा व्यक्त की है उसे पढ़ कर भारतीय मीडिया और खासकर …

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