बेदी को गुस्सा यूँ आता है!
क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान “खेल के मैदान खेलों से जुड़े रोल मॉडल के लिए हैं और प्रशासकों और नेताओं की जगह खेल मैदान या स्टेडियम कदापि नहीं हो सकते। उनके लिए शीशे के केबिन ही सही हैं। लेकिन शायद दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) इस संस्कृति को नहीं समझता। यही कारण है कि मैने अपने …