PV Sindhu and Pullela Gopichand

मंत्रालय और बाई देखते रह गए, फुर्र से उड़ गई बैडमिंटन की चिड़िया

क्लीन बोल्ड/ राजेंद्र सजवान

भारतीय बैडमिंटन की महारानी पीवी सिंधु आजकल अपने आप से, परिवार से या शायद कोच गोपीचंद से नाराज़ चल हैं। एक खबर के अनुसार वह बिना किसी से सलाह मशवरा किए लंदन चली गई हैं। सूत्रों की माने तो वह दो माह  तक लंदन में रहेंगी और जाने माने कोचों, आहार विशेषज्ञों  और खेल  वैज्ञानिकों से ज़रूरी टिप्स लेंगी ताकि अपनी फार्म वापस पा सकें।

25 वर्षीय विश्व चैम्पियन और उच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के बारे में स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह भारतीय टीम का तैयारी कैंप छोड़ कर बिना किसी को बताए क्यों अकेले ही लंदन गई ।  खबर है कि परिजनों सेउसका कोई विवाद चल रहा था।  यह भी कहा जा रहा है कि कोच पुलेला गोपी चंद और उनकी अददामी के कोाचों से उसकी पट  नहीं रही थी। हालाँकि उसने हैदराबाद स्थित अकादमी के  कोचों से इतना भर कहा कि वह लंदन जा रही है, जहाँ इंग्लैंड टीम के साथ अभ्यास करेगी और लगभग दो महीने तक वापस नहीं लौटेगी।

सिंधु के इस कदम से भारतीय बैडमिंटन में हड़कंप मचना स्वाभाविक है। ओलंपिक के लिए चंद महीने  ही बचे हैं और पिछले कई महीनों से उसने किसी बड़े टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है। उसकी फार्म को लेकर भी जब तब सवाल उठाए जाते रहे हैं।सूत्रों की माने तो लॉक डाउन के चलते वह ऊब  गई थी और हर वक्त घर वालों से घिरा रहना उसे कतई पसंद नहीं था।

उसके पिता पीवी रमण कह रहे हैं कि उसे गोपी चन्द अकादमी में अभ्यास करना रास नहीं आ रहा था। पिता ने कोच गोपी चन्द पर भी आरोप लगाया है कि वह सिंधु की लगातार अनदेखी कर रहे थे, जिस कारण उसे कड़ा फ़ैसला लेना पड़ा| गोपी के अनुसार सिंधु ने उसे लंदन जाने के बारे में बताया था। उसने एक पत्र लिख कर बैडमिंटन एसोशिएशन को भी अवगत कर दिया था। 

खैर, कारण कोई भी हो लेकिन ओलंपिक तैयारियों को बीच में छोड़ना हैरान करने वाला कदम है।  यह ना भूलें कि टोक्यो ओलंपिक के लिए सिंधु भारतीय पदक की सबसे बड़ी उम्मीद है। रियो, 2016 में वह रजत पदक जीत चुकी है। साथ ही दुनिया की तमाम टाप खिलाड़ियों को उसने कहीं ना कहीं हराया है और अनेक अवसरों पर देश का नाम रोशन कर चुकी है। बैडमिंटन एक्सपर्ट्स के अनुसार सिंधु में कभी भी किसी भी खिलाड़ी को हराने की योग्यता है, जिसका उसने कई अवसरों पर प्रमाण भी दिया है।                  

लेकिन सिंधु का कदम यह तो बताता है कि भारतीय बैडमिंटन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा। गोपी और सिंधु के बीच कब की ठन चुकी है और वह कभी भी गोपी की छाया से अलग हो सकती है|। कारण कोई भी हो परंतु असर तो देश के प्रदर्शन और सम्मान पर पड़ेगा। ओलंपिक तैयारियों के लए सरकार करोड़ों खर्च कर रही है और देशवासी इस बार सिंधु से गोल्ड की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन खेल मंत्रालय और बैडमिंटन संघ(बाई) शायद सोए हुए हैं|। बेहतर यह होगा मामले को समय रहते सुलझा लिया जाए। खेल मंत्रालय सभी पक्षों को समझा सके तो यही खेल के हित में होगा।  

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